5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT शिव आरती EXPLAINED

5 Simple Statements About शिव आरती Explained

5 Simple Statements About शिव आरती Explained

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अर्थ-  श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।

 “आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण में ही रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के सर्नावश के लिए राम नाम औषधि है।”

 “श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से आलिंगन कर लिया की तुम्हारा सुयश हजार मुख से ही सराहनीय अनुकर्णीय है।”

भावार्थ – जो प्राणी वीरश्रेष्ठ श्री हनुमान जी का हृदयसे स्मरण करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं और सभी प्रकार की पीड़ाएँ समाप्त हो जाती हैं।

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 “जो भी आपकी शरण में चलके आते है, उस सभी को आनन्द ही प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक हों, तो फिर किसी का डर नहीं रहता है।”

अर्थ- संसार में जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।

व्याख्या – श्री हनुमान जी कपिरूप में साक्षात् शिव के अवतार हैं, इसलिये यहाँ इन्हें कपीश कहा गया।

बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि

 “आप प्रकान्ड विद्या के निधान है, गुणवान हैं और अत्यन्त कार्य में कुशल होकर श्री राम जी काज करने के लिए सदेव ही आतुर रहते है।”

Shiv Aarti provides a lot of Gains on the devotees; it gives sense of inner peace. serving to people today to insulate them selves from their physical globe and join them with their spiritual self.

व्याख्या – किसी को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये सर्वप्रथम उसके गुणों का वर्णन करना चाहिये। अतः यहाँ हनुमान जी के गुणों का वर्णन है। श्री हनुमन्तलाल जी त्याग, दया, विद्या, दान तथा युद्ध – इन पाँच प्रकार के वीरतापूर्ण कार्यों में विशिष्ट स्थान रखते हैं, इस कारण ये महावीर हैं। अत्यन्त पराक्रमी और अजेय होने के कारण आप विक्रम और बजरंगी हैं। प्राणिमात्र के परम हितैषी होने के कारण उन्हें विपत्ति से बचाने के लिये उनकी कुमति को दूर करते हैं तथा जो सुमति here हैं, उनके आप सहायक हैं।

 “आप को श्री राम चरित मानस को सुनने में आनन्द रस मिलता है।श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय में विद्यमान रहते है।”

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